कई बार बच्चों पर छोटी-छोटी बातों पर चिल्लाना या उन्हें डांटना उन्हें गुस्सैल बना सकता हैI डांटने की बजाय प्यार से डील करें,
खुद फैसला करने दें
बच्चों को आजादी देंगे तो उनकी क्रिएटिविटी में निखार आएगा. वे अपनी प्रॉब्लम्स आपसे शेयर करेंगे और आप दोनों के बीच की बॉन्डिंग भी अच्छी होगी
दोष देने से बचें
बच्चों की कुछ आदतें पैरेंट्स को अच्छी नहीं लगती. ऐसे में उसे भला-बुरा न बोलें दोष न डालेंI आप कितना भी गुस्सा मे क्यों न हो, बच्चों के सामने ये बात जाहिर ना करेंI
कभी तुलना न करें
हर बच्चे की अपनी खासियत होती है. दूसरे से कंपेयर ना करें, उन्हें उनकी अपनी खासियत के बारें में बताएं और प्रोत्साहित करें
हर डिमांड पूरी करने से बचें
हर इच्छा पूरी करना बच्चे को बिगाड़ सकता है. ये आदत बच्चों पर गलत प्रभाव डाल सकती है. बच्चे को उसकी जरुरत के अनुसार उनके डिमांड पूरा करें
गैजेट्स की छूट देने से बचें
मोबाइल-इंटरनेट के जमाने में बच्चे ज्यादातर वक्त स्मार्टफोन और गैजेट्स के साथ बिताते हैंI यहउनकी आंखों और मेंटल हेल्थ पर असर डालता है. बच्चों को गैजेट्स की छूट ना दें
धैर्य की सबसे ज्यादा जरुरत
बच्चों को धैर्य और शांत रहना सीखाएं. ये आदतें उसे विपरीत परिस्थितियों से दृढ़ता के साथ निकलने में मदद करेंगी I
हार और जीत दोनों के लिए तैयार करें
जीतने के बाद खुशी, हारने के बाद गम बच्चे के मानसिक स्थिति को विचलित कर सकती है उन्हें दोनों स्थितियों से निकलने के लिए मानसिक दृढ़ता प्रबल करने के लिए प्रेरित करेंI
ज़िद को प्यार न समझें
बच्चों के नखरे और ज़िद को कभी भी प्यार नहीं समझे. अपनी भावनाओं पर काबू रखेंI बच्चे को सही और गलत के बीच का अंतर सिखाएं
खुद में लाएं बदलाव
आपके गलत आदतें बच्चों पर प्रतिकूल प्रभाव छोड़ती है आप अपनी छोटी-छोटी बुरी आदतें छोड़,उसके परवरिश पर ध्यान देंI