बच्चों को जीनियस बनाये
Competition के दौर में हर माता पिता का सपना होता है, कि उनके बच्चे हर क्षेत्र में अव्वल रहे, लेकिन प्रत्येक बच्चे में अपनी प्रतिभा होती है, और वो अपने मनपसंद काम को पूरी ईमानदारी से करना चाहते हैं, अब हर बच्चा हर काम पर्फेक्ट तरीके से नहीं कर सकता, किसी को पढ़ाई करना अच्छा लगता है, वह उसमें अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो किसी बच्चे को स्पोर्ट्स और आर्ट्स में इंटरेस्ट होता है, लेकिन हर माता-पिता यह चाहते हैं, कि उनका बच्चा भी बाकी बच्चों की तरह एक से ज्यादा काम कर सके।
कई बच्चे ऐसे होते हैं जो मेहनत तो बहुत करते हैं, लेकिन उन्हें उसका फल नहीं मिल पाता, तो माता-पिता इस बात को लेकर चिंता में रहते हैं, कि आखिर वह ऐसा क्या करें, कि उनके बच्चे भी जीनियस बन सके।
तो दोस्तों अगर आपकी माता-पिता हैं, या फिर बनने वाले हैं, और अपने बच्चों के भविष्य को लेकर चिंता में है, तो आज हम बताने वाले हैं कुछ ऐसे तरीके, जिनकी मदद से आप अपने बच्चों के टैलेंट निखारने और उनके पंखों को एक ऊँची उड़ान देने में मदद कर पाएंगे। इन तरीकों को अपनाकर आपके बच्चों का दिमाग तो तेज होगा ही, साथ ही वो सफलता की ऊँचाइयों को भी छू पाएंगे। तो चलिए, साझा करते हैं वो टिप्स जो आपको अपने बच्चों को जिनियस बनाने के लिए फॉलो करने होंगे।
1. बच्चों को दे सपने देखने की आजादी
दोस्तों अक्सर भारत में यह देखा जाता है, कि बचपन से ही बच्चों पर दबाव बनाया जाता है। अगर बच्चों के माता-पिता डॉक्टर या इंजीनियर हैं, तो बच्चों से यही उम्मीद की जाती है, कि बच्चे भी आगे चलकर उसी प्रोफेशन को चुने।
इसी के साथ जो माता-पिता खुद अपने जीवन में सफल नहीं हो पाते, वह अपने सपनों को अपने बच्चों पर थोपते हैं, ऐसा करने से बच्चे अपने मन की बात ना तो माता-पिता से कह पाते हैं, और ना ही अपने सपनों के बारे में अपने किसी से सलाह कर पाते हैं, तो ऐसे में
उनके बच्चे जो करना चाहते हैं जो बनना चाहते हैं, उन्हें वह करने दिया जाए, क्योंकि बच्चों का मन जिस काम को करने में लगेगा, बच्चे उस क्षेत्र में अपना शत् प्रतिशत देंगे और सफल भी होंगे।
2. अपने बच्चों को सपोर्ट करें
अक्सर यह देखा गया है, कि हमारे बच्चे ऐसा कुछ करना चाहते हैं, जो वास्तव में पॉसिबल नहीं होता, और जब बच्चे इस बात का जिक्र अपने माता-पिता या किसी और से करते हैं, तो हम अपने बच्चों को बिना सोचे समझे डिमोटिवेट कर देते हैं, अक्सर माता-पिता अपने बच्चों का सपोर्ट करने के बजाय उन्हें लेक्चर देना शुरू कर देते हैं, और उन्हें यह जताते हैं कि वो कुछ अच्छा सोच ही नही सकते।
लेकिन सोचने वाली बात यह है, कि अगर बिल गेट्स के पेरेंट्स ने उन्हें डिमोटिवेट किया होता, तो क्या हमें आज माइक्रोसॉफ्ट मिलता?
जबकि उस जमाने में तो टेक्नोलॉजी के बारे में कोई इतना सोचता भी नहीं था, अगर आपके बच्चे इंपॉसिबल चीजों को सोचेंगे नहीं, तो वो ये करेंगे कैसे?
तो माता-पिता को जरूरत है, कि वह अपने बच्चों को हर हाल में सपोर्ट करें ताकि उनके बच्चे बेफिक्र होकर आगे बढ़ सके।
3. शाबाशी देना सीखे
हमारे बच्चे जब गलती करते हैं तो अक्सर हम उन्हें डांट तो देते हैं लेकिन जब भी बच्चे कोई अच्छा काम करते हैं तो उन्हें शाबाशी देना भूल जाते हैं |
माता-पिता को यह नहीं भूलना चाहिए कि जब हम अपने बच्चों को शाबाशी देते हैं तो हमारे बच्चे अगली बार उस काम को और ज्यादा अच्छे से करने की कोशिश करते हैं क्योंकि छोटे बच्चों की मेंटालिटी होती है, कि वह ऐसा कुछ करना चाहते हैं जिससे घर के सदस्य उनकी तरफ ध्यान दें और उनसे खुश रहे बच्चों की आदत होती है कि वह हमेशा सबको खुश करना चाहते हैं और तारीफ आना चाहते हैं |
तो जब आप अपने बच्चों की तारीफ करेंगे तो वह खुद को और ज्यादा दिखाने की कोशिश करेंगे |
4. हर बार कुछ नया सीखने दें
दोस्तों जिंदगी एक ही बार मिली है, और करने को बहुत कुछ है, ये बात अपने बच्चों को सिखाइए, कि जब हमारे पास बहुत सारे ऑप्शन है, तो हम कुएं का मेंढक बनकर क्यों रहें? अगर हम एक बार में एक साथ कई काम कर सकते हैं, तो क्यों ना कोशिश की जाए?
क्योंकि अगर आप अपने बच्चों का सपोर्ट सिस्टम नहीं बनेंगे, तो आपके बच्चे आगे बढ़ने से हिचकिचायेंगे। तो जरूरी है, कि आप अपने बच्चों को हर बार कुछ नया सीखने के लिए प्रेरित करें |
तो अगर आप अपने बच्चों को हर बार कुछ नया बताएंगे और नया सिखाएंगे, तो आपके बच्चे कोशिश जरूर करेंगे, और जो बच्चे एक से ज्यादा काम करने का हुनर रखते हैं, वो बच्चे बड़े होकर सफल और बुद्धिमान दोनों बनते हैं।
5. कंपटीशन में पार्टिसिपेट करने को कहें
आजकल के जमाने में आगे बढ़ने की होड़ हर किसी को है, और कंपटीशन तो हर स्कोप में हद से ज्यादा हो गया है। तो अगर बच्चे दूसरे बच्चों के साथ कदम मिलाकर नहीं चलते, तो इस दौड़ में पीछे रह जाते हैं, और अगर आप अपने बच्चों को बाकी बच्चों से आगे लेकर जाना चाहते हैं, तो बच्चों को कंपटीशन में पार्टिसिपेट करने को कहें।
भले ही आपके बच्चे जीत ना पाए, लेकर उन्हें हर बार कुछ नया सीखने को मिलेगा, और जब बच्चे बार-बार कोई नई चीज सीखने की कोशिश करते हैं, तो वह किसी एक scope में परफेक्ट हो ही जाते हैं, तो कोशिश करें कि बच्चों से उनकी कैपेसिटी के अनुसार वह सब करवाया जा सके, जो वह कर सकते हैं।
6. इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स का इस्तेमाल करना सिखाए
ऐसे तो आज के टाइम पर हर बच्चा मोबाइल चलाना जानता है, लेकिन आपके बच्चे मोबाइल में क्या देखें और क्या नहीं। यह आप पर निर्भर होनाचाहिए।
अगर आप अपने बच्चों को मोबाइल या फिर लैपटॉप सिखा रहे हैं, तो उन्हें कोडिंग करना सिखाए ताकि बच्चे कुछ नया सीखे।
7. माइंड गेम्स खेलें
आजकल भागदौड़ में माता पिता के पास इतना वक्त नहीं होता, कि हर वक्त अपने बच्चे के पास बैठकर वह उनके साथ खेल सके, या बातें कर सके। तो जब भी आपको अपने बच्चों के साथ टाइम मिलता है, आप उनके साथ माइंड गेम्स खेल सकते हैं।
आप चलते फिरते मैथ के question कर सकते हैं, आप सोशल स्टडी की स्टेटस और कैपिटल्स के बारे में बच्चों से डिस्कस कर सकते हैं, बच्चों से करंट अफेयर्स और न्यूज़ के बारे में चर्चा कर सकते हैं |
ऐसा करने से बच्चे हर स्कोप में एक्टिव रहने की कोशिश करेंगे, और जो बच्चे नई नई जानकारियां और नई नई नॉलेज सीखने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं, ऐसे बच्चे बुद्धिमान और जीनियस होते हैं, और इनमें कुछ बहुत ज्यादा बड़ा करने की ललक रहती है।
8. अपने बच्चों के सवालों के जवाब दें
बच्चों के अंदर यह आदत खासतौर पर होती है कि वह बाल की खाल निकालते हैं, और जब बच्चे इनके सवाल अपने माता-पिता के सामने रखते हैं, तो अक्सर माता-पिता झुंझला कर बच्चों को डांट देते हैं, और उनके सवालों के जवाब नहीं देते।
तो अगर आप अपने बच्चों को जीनियस बनाना चाहते हैं, तो याद रखिये, अपने बच्चों के हर सवाल के जवाब देने की कोशिश करें, अगर आपको जवाब नहीं आता तो आप जवाब को टाल सकते हैं, लेकिन जब भी आपके बच्चे आपसे सवाल पूछे उसे डांट कर चुप ना कराएं, बल्कि उनके सवालों के जवाब देने की कोशिश करें और धीरे-धीरे आप खुद नोटिस करें करेंगे कि आपके बच्चे वास्तव में ब्रिलियंट हैं।
तो दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हमने बच्चों को जीनियस बनाने के कुछ तरीके साझा किये। उम्मीद करते हैं आपको यह लेख पसंद आया होगा।।
Rohit is a blogger and a father of two adorable children, aged six and one. He enjoys spending time with his kids. In this blog, he discusses his parenting experiences. His hope is that his parenting tips will help other parents in developing strong bonds with their children