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बचपन में खेल कूद का महत्व

अधिकतर माता पिता यह जानते हैं कि बच्चों के लिए खेलना बेहद जरूरी होता है इससे बच्चों में कई तरह के लाभ होते हैं इस लिए उन्हें खेलने के लिए प्रेरित भी करते हैं क्योंकि वह जानते हैं

खेलकूद केवल मनोरंजन नहीं है ,बच्चे इससे विशिष्ट कौशल भी सीखते हैं |

जैसे खेल खेल में अक्षर याद करना, गिनती याद करना, कुछ लिखना, पढ़ना आदि जैसी कई गतिविधियां होती है जो बच्चों को सीखने के लिए प्रेरित करता है |

अध्ययन के अनुसार खेलकूद सीखने की प्रवृत्ति माना जाता है बच्चे खेल के माध्यम से अनेक तरह की गतिविधियों के साथ व्यवहारिकता सीखते हैं इसलिए बचपन में खेलकूद के महत्व को कम नहीं आंका जा सकता |

बचपन में खेलने के 09 लाभकारी बातें

  1. मस्तिष्क का जल्दी विकसित होना
  2. बुद्धिमता में सुधार
  3. रचनात्मकता की प्रवृत्ति
  4. भाषा एवं शब्दावली मैं सुधार
  5. आवेग नियंत्रण और भावनात्मक विनिमय
  6. सामाजिकता और आत्मनिर्भरता का विकास
  7. शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा
  8. जीवन का सबक सीखने का अवसर
  9. साथियों के साथ मजबूत संबंध का आधार

01. मस्तिष्क का जल्दी विकसित होना-

शिशु मस्तिष्क के अध्ययन से यह पता चलता है कि शिशु का दिमाग सिनेप्स नामक मस्तिष्क कोशिका पर आधारित होती है जो मस्तिष्क विकास में आधारभूत संरचना की तरह कार्य करती है तथा उनके सफल जीवन के लिए अत्यंत आवश्यक माना जाता है |

Kids with brain diagram
Kids with brain diagram

खेल-कूद करने से बच्चों के मस्तिष्क की कोशिकाएं सक्रिय हो जाती है जिससे मस्तिष्क का विकास को बढ़ावा मिलता है| खेल और खेल सामग्री से बच्चों के मस्तिष्क में समृद्ध वातावरण का निर्माण होता है और उन्हें जीवन की वास्तविक अनुभव का बोध होता है| न्यूरोसाइंटिस्ट ने पाया कि खिलौने, खेल जैसे संवर्धन मस्तिष्क के रसायन और शरीर विज्ञान को परिवर्तित कर सकता है|

02. बुद्धिमता में सुधार

प्रारंभिक खेल भी बाद में उच्च बुद्धिमता के साथ जुड़ जाते हैं | अर्कांसस विश्वविद्यालय के एक अध्ययन से पता चलता है कि नियमित रूप से शिशुओं को खिलौने की पेशकश करने से तीन साल की उम्र तक उच्चतर आईक्यू होता है।

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बाद में, मनोवैज्ञानिक एडवर्ड फिशर ने नाटक पर किए गए 46 अध्ययनों का विश्लेषण किया। उन्होंने पाया कि खेलना एक बच्चे के संज्ञानात्मक, भाषा विज्ञान और सामाजिक विकास को बढ़ा सकता है।

03. रचनात्मकता की प्रवृत्ति

माना गया है कि खेलने का सबसे स्पष्ट लाभ यह है कि इससे बच्चे की रचनात्मकता बढ़ती है। रचनात्मकता निकटस्थ सोच से जुड़ी हुई है, जो कई संभावित समाधानों की पड़ताल करती है और आमतौर पर रचनात्मक विचारों को उत्पन्न करती है।

कई अध्ययनों में पाया गया है कि खेलने का संबंध उच्च विचार के साथ है।

Kids playing with letters
Kids playing with letters

एक अध्ययन मे बच्चों के प्रति रचनात्मकता का परीक्षण करने के लिए लगभग 5 से 7 वर्ष आयु के 42 बच्चों को दो समूह में बांटा गया, एक समूह को चॉकबोर्ड पर कुछ बनाने के लिए कहा गया तथा दूसरे समूह को आटा- नमक देकर कुछ बनाने को कहा गया |

दोनों समूह ने अपना अपना रचनात्मकता के परिचय देते हुए अपना कार्य किए तथा 10 जजों के पैनल ने इसका निर्णय सुनाया और पाया कि दूसरा समूह आटा – नमक बेहतर साबित हुए उनकी रचनात्मक गुण बाकी की तुलना में अधिक थे | इससे स्पष्ट होता है कि खेलकूद के माध्यम से किया गया रचनात्मक कार्य ज्यादा कारगर सिद्ध होता है | इसलिए बच्चों को खेलने की स्वतंत्रता अति आवश्यक है ताकि बच्चे रचनात्मक गुणों को भी बढ़ा सकें|

04. भाषा एवं शब्दावली मैं सुधार

प्रारंभिक में बच्चे खेलते हुए ही शब्दों का प्रयोग करना शुरू करते हैं तथा बाद में धीरे-धीरे उन्हें भाषा का बोध हो जाता है | शोधकर्ताओं ने देखा कि जब एक शिशु एक खिलौने से खेलने लगा तो क्या हुआ? उन्होंने पाया कि अगर माँ ने खिलौनों में हेरफेर और नामकरण करके जवाब दिया, तथा बच्चे को तीन महीने बाद परीक्षण किया गया – तो पाया कि बच्चे में बेहतर भाषा बोलने का बोध हो गया है।

Child speaking on microphone
Child speaking on microphone

छोटे बच्चों को बोलने और दूसरों को समझने की कोशिश करने पर उन्हें अपनी शब्दावली का अभ्यास करने के लिए प्रेरित करता है| सामाजिक खेल खेलने के दौरान, वे अक्सर समझौतों तक पहुंचने के लिए एक-दूसरे के साथ शब्दों और कार्यों को दोहराते हैं।

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05. आवेग नियंत्रण और भावनात्मक विनिमय

जो बच्चा भावनात्मक रूप से नियमित और संतुलित होता है उसकी सहनशीलता और आवेग या गुस्सा उसके नियंत्रण में ही रहता है | ऐसे बच्चों में इंतजार करने की क्षमता, नकारात्मक भावनाओं को नियंत्रित करने की क्षमता, चुनौतीपूर्ण गतिविधियां का सामना करने की क्षमता बहुत अधिक होती है एक अध्ययन में, मनोवैज्ञानिकों ने जांच मैं पाया कि नाटक के दौरान बच्चों ने कैसे नकारात्मक घटनाओं को संभाला।

उन्होंने पाया कि जिन बच्चों के अपने देखभाल करने वालों के साथ नाटक करते हुए वे खेल जारी रखने के लिए अपनी भावनाओं को नियंत्रित क्या वह बहुत ही बेहतर था |

भावनाओं का विनियमन न केवल सामूहिक सफलता के लिए आवश्यक है, बल्कि यह बच्चे की सामाजिक सफलता की भी कुंजी हो सकता है। जो बच्चे बेहतर भावनात्मक नियंत्रण प्रदर्शित करते हैं, वे अधिक पसंद किए जाते हैं और सामाजिक रूप से सक्षम होते हैं।

06. सामाजिकता और आत्मनिर्भरता का विकास

बच्चों में सामाजिक विकास को बढ़ाने में खेल महत्वपूर्ण है। माता-पिता, भाई-बहन, और साथियों सहित – दूसरों के साथ सक्रिय खेल खेलना सामाजिक कौशल का संवर्धन करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। खेलते समय, नाटक करने के साथ-साथ साथियों के साथ बातचीत करने का कार्य बच्चों के सामाजिक कौशलता को बढ़ाता है।

खेलने से बच्चों को सामाजिक संपर्क सीखने के अवसर भी मिलते हैं। एक साथ खेलते हुए, बच्चे सहयोग करना, नियमों का पालन करना, आत्म-नियंत्रण विकसित करना और आम तौर पर अन्य लोगों के साथ मिलना सीखते हैं।

मनोवैज्ञानिकों के मतानुसार बच्चों के मानसिक जटिलता और कल्पना करने की क्षमता खेल-कूद से ही प्रभावित होती है खेल-कूद करने वाले बच्चों में सकारात्मक सामाजिक गतिविधियां उत्पन्न होती है|

Children discussing social project among themselves
Children discussing social project among themselves

चंचल बच्चे अधिक खुश, बेहतर समायोजित, अधिक सहकारी, और कम खेलने वालों की तुलना में अपने साथियों के साथ अधिक लोकप्रिय होते हैं।जो बच्चे अधिक खेलते हैं वे अधिक सहानुभूति विकसित करते हैं, एक अन्य आवश्यक तत्व जो सामाजिक कौशल को आगे बढ़ाता है। ऐसे बच्चे दूसरे लोगों की भावनाओं और विश्वासों की बेहतर समझ रखते हैं।

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07. शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा

हम पहले से ही जानते हैं कि खेल भावना विनियमन को बढ़ावा देता है, जो एक बच्चे की लचीलापन और मानसिक स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है।

शारीरिक गतिविधियों में शामिल होने से बच्चों में शक्ति, धैर्य, एकाग्रता आदि को बढ़ावा मिलता है, जिससे बच्चे शारीरिक स्वास्थ्य का लाभ उठाते हैं।

08. जीवन का सबक सीखने का अवसर

खेल बच्चों के समस्याओं को हल करने की क्षमता विकसित करने में मदद करता है।जब बच्चे खेल-खेल में जीवन की समस्याओं का सामना करते हैं, तो यह उन्हें अपने तरीके से संघर्ष का सामना करने के लिए प्रेरित करता है।

यह बच्चों को कौशल और भविष्य की सामाजिक भूमिकाओं का पूर्वाभ्यास करने का एक सुरक्षित अवसर भी प्रदान करता है। जब बच्चे विभिन्न भूमिकाओं को आज़माते हैं, तो वे अलग-अलग दृष्टिकोणों को लेना सीखते हैं, जो उन्हें भविष्य में काबिल और सफल मनुष्य बनाता है|

09. साथियों के साथ मजबूत संबंध का आधार

वैसे तो हम सभी जानते हैं कि खेल – कूद कई प्रकार के होते हैं जिसमें कुछ व्यक्तिगत खेल और कुछ सामूहिक खेल होते हैं| सामूहिक खेलों में खेल के दौरान टीम भावना उत्पन्न होती है जो खेल के माध्यम से आपस में खिलाड़ियों के सम्मान हो काफी मजबूत कर देता है और यह खेल के बाद भी कायम रहता है|

2 child friendship in park
2 child friendship in park

इसी प्रकार जो माता पिता अपने बच्चों के साथ खेलते हैं उनका आपसे रिश्ता काफी गहरा होता है|

 निष्कर्ष

पूरी दुनिया में खेल को काफी महत्वपूर्ण माना जाता है तथा विभिन्न तरह के खेलों का आयोजन भी किया जाता है| हर एक मनुष्य शारीरिक और मानसिक स्वच्छता के लिए खेलकूद को प्राथमिकता के साथ लेते हैं इसलिए बचपन से ही बच्चों को खेलकूद के माध्यम से एक सफल मनुष्य बनाने की ओर अग्रसर कर सकते हैं|

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