Family Dinner together
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बच्चों का डेली रूटीन कैसे सेट करें ? 

अक्सर माता-पिता की शिकायत रहती है, कि उनका बच्चा उनकी बात नहीं सुनता, नियम और कायदों को नहीं मानता, अपनी मनमर्जी चलाता है, और पूरा दिन वही सब करता है, जो वह करना चाहता है |

जब बच्चे बड़े होने लगते हैं, तो यही सब आदतें उनकी दिनचर्या का हिस्सा भी बन जाती हैं। तो माता-पिता की चिंता होती है, कि आखिर अपने बच्चों को नियम और कायदे कैसे सिखाएं, और उनका डेली रूटीन कैसे सेट करें ? कि वह हर काम को टाइम पर और परफेक्शन के साथ कर सकें,

क्योंकि जब हमारे बच्चे सोना, उठना, खाना-पीना, पढ़ना सही समय पर नहीं करेंगे, तो ना तो वह एक अच्छे इंसान बन सकते हैं, और ना ही सफल। 

दोस्तों बच्चे अक्सर वही करते हैं, जो वह सीखते हैं, और अगर उन्हें बचपन से ही नियम नहीं सिखाए जाते, तो वह बड़े होकर आपकी बात बिल्कुल भी नहीं सुनने वाले, और जिन लोगों की दिनचर्या अस्त-व्यस्त रहती है, ऐसे लोग अपनी जिंदगी में बहुत कम सफल हो पाते हैं।

तो अगर आप अपने बच्चों को सफल बनाना चाहते हैं, तो उनकी दिनचर्या को इस तरीके से बनाएं, कि वह अपने हर काम को तरीके से कर सके, और सफल हो सके। तो आज के इस लेख में हम साझा करने वाले हैं कुछ ऐसे तरीके, जिनकी मदद से आप अपने बच्चों का डेली रूटीन सेट कर पाएंगे, और उन्हें एक अच्छा और सफल इंसान बना पाएंगे

  1. सोने और जागने का समय तय करें
  2. कम से कम एक समय का भोजन साथ में करें
  3. बच्चों को खुद के काम खुद करने दे
  4. घर के खाने से कराएं दोस्ती
  5. समय पर घर आने को कहें
  6. समय की कीमत समझाएं
  7. आउटडोर गेम खेलने को कहें
  8. किताबें पढ़ने की आदत डालिए

1. सोने और जागने का समय तय करें

बचपन से ही अपने बच्चों के सोने और जागने के समय को तय कीजिए, यह बात ध्यान रखिए, कि हमारे

बच्चे इंस्ट्रक्शन नहीं इंस्पिरेशन से सीखते हैं।

तो अगर आप अपने बच्चों को समय पर सोना और समय पर जागना सिखाना चाहते हैं, तो इसको सबसे पहले आपको खुद अपनाना होगा। अगर आप रात देर रात तक मोबाइल चलाएंगे या फिर देर रात तक जागेंगे, तो आप अपने बच्चों से सोने के लिए नहीं कह सकते।

Family Sleeping Together
Family Sleeping Together

अगर आप अपने बच्चों को वक्त पर सुलाना चाहते हैं, तो आप खुद के सोने और जागने का टाइम भी फिक्स करें, क्योंकि अगर आपके बच्चे सोने और जागने के समय के नियम को अपना पाएंगे, तो उनके डेली रूटीन की शुरूआत ही एक पॉजिटिव एनर्जी के साथ होगी। 

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2. कम से कम एक समय का भोजन साथ में करें

आधुनिकता ने हमसे और हमारे बच्चों से बहुत कुछ छीन लिया है, और यही कारण है, कि आज के दौर में हम आपस में साथ में खाना खाना भूल गए हैं, तो अगर आप अपने बच्चों का डेली रूटीन को सेट करना चाहते हैं, तो दिन की 1 मील, चाहे वह ब्रेकफास्ट हो, चाहे लंच या फिर डिनर साथ में करें

Family having dinner together
Family having dinner together

और इस बात का खास ख्याल रखें, की जब भी आप अपने परिवार और बच्चों के साथ खाना खाए, तो वह एक ही समय पर हो। ऐसा नहीं कि 1 दिन आपने लंच दोपहर में 12:00 बजे किया, और अगले दिन 2:00 बजे। ऐसा करने से आप बच्चों को time discipline नही सिखा सकते। 

3. बच्चों को खुद के काम खुद करने दे

 बचपन से ही अपने बच्चों को उनका बेड ठीक करने की आदत डालें, इसी के साथ उनका स्कूल बैग, कॉपी किताब और स्टेशनरी को संभाल कर रखने की जिम्मेदारी भी अपने बच्चों को दीजिए |

Child Mom doing chores
Child Mom doing chores

जब आपके बच्चे स्कूल से वापस आए, तो उन्हें उनके शूज सही जगह पर रखने को कहें, इसी के साथ उनकी स्कूल ड्रेस सही जगह पर रखने की आदत डालिए, अगर आपने लगातार एक महीने तक अपने बच्चों से यह सब काम अपनी निगरानी में कराते हैं, तो यकीनन एक महीने बाद आपके बच्चे खुद ब खुद अपने काम करने लगेंगे। 

4. घर के खाने से कराएं दोस्ती

ऐसे तो बच्चे घर का खाना देखते ही जी चुराने लगते हैं, उन्हें बाहर का फास्ट फूड खाना ज्यादा पसंद होता है, लेकिन अगर आप अपने बच्चों का डेली रूटीन सेट करना चाहते हैं, तो उनकी घर के खाने से दोस्ती करायें।

Kids having home made food
Kids having home made food

उन्हें हर सब्जी फल खिलाने की आदत डालें, ऐसा करने से आपके बच्चे बड़े होने पर भी घर में रहेंगे, और घर का खाना खाने का शौक रखेंगे। 

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5. समय पर घर आने को कहें

बच्चे जब बड़े होने लगते हैं, तो अक्सर अपने दोस्तों के साथ समय बिताना पसंद करते हैं, और इसी के चलते वह घर से बाहर भी रहना शुरू कर देते हैं |

तो अगर आप अपने बच्चों का डेली रूटीन सेट करना चाहते हैं, तो अपने बच्चों को घर में आने का वक्त तय करें, आप बच्चों को हिदायत दें, कि अगर आप इस वक्त तक घर नहीं आए तो आपको घर के अंदर नहीं आने दिया जाएगा, या अगर आप इस वक्त तक रूम से बाहर नहीं आए, तो आपको खाने को नहीं दिया जाएगा |

इसी तरह बच्चों के नहाने का समय भी तय करें, इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स का वक्त बांधे, जब भी बच्चों के हाथ में मोबाइल आता है, तो चाहे बच्चा 5 साल का हो या 10 साल का, बच्चे लगातार मोबाइल देखते ही रहते हैं, और ऐसे ही जाने कितने घंटे बीत जाते हैं, हमें पता ही नहीं चलता।

मां-बाप भी अपनी व्यस्तता के कारण बच्चों को मोबाइल देने से नहीं कतराते, क्योंकि अगर बच्चे मोबाइल में बिजी रहेंगे तो उनके काम आसानी से हो जाएंगे, लेकिन कहीं ना कहीं इससे आपके बच्चे का डेली रूटीन बिगड़ रहा है, तो अपने बच्चों को इलेक्ट्रॉनिक गैजेट के टाइम का पाबंद बनाएं। 

6. समय की कीमत समझाएं

 अपने बच्चों को बचपन से सिखाएं, कि वक्त को कोई नहीं पकड़ सकता, अगर यह समय चला गया तो लौटकर फिर नहीं आएगा। अगर आप अपने भविष्य को बनाना चाहते हो, तो यही समय सही है।

हर बार जब भी वह अपना वक्त बर्बाद करें तो उन्हें टोके, ताकि अगली बार वह ऐसा करने से पहले कई बार सोचे। 

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7. आउटडोर गेम खेलने को कहें

electronic gadgets के जमाने में बच्चे आउटडोर गेम्स खेलना तो भूल ही गए हैं, तो अपने बच्चों के डेली रूटीन में आउटडोर गेम्स को जरूर शामिल करें, कोशिश करें कि वह दिन में ज्यादा ना सही कम से कम एक घंटा आउटडोर गेम खेलें,

Kids playing in field outdoor
Kids playing in field outdoor

ऐसे उनकी बॉडी भी फिट रहेगी और वह खुली हवा में सांस भी ले पाएंगे।

8. किताबें पढ़ने की आदत डालिए

दोस्तों जो बच्चे हर रोज नियमित तौर पर किताबों को पढ़ते हैं, और किताबों से दोस्ती रखते हैं, वह बच्चे हर रोज कुछ ना कुछ नया सीखते हैं। और जितने भी महान लोग इतिहास में हुए हैं, उन्होंने सबसे ज्यादा किताबों को ही पढ़ा है, तो किताबों से बेहतर दोस्त कोई और हो ही नहीं सकता। 

Engaged kids reading book
Engaged kids reading book

इसीलिए अपने बच्चों के डेली रूटीन में किताबों को पढ़ने की आदत डालें, और उनकी दोस्ती किताबों से कराएं, ऐसा करने से आपके बच्चे ना केवल तेज बुद्धि के बनेंगे, बल्कि उनकी जीनियस पावर ही कई गुना बढ़ जाएगी। 

दोस्तों अगर आप भी अपने बच्चों का डेली रूटीन सेट करना चाहते हैं, तो इसकी शुरुआत आपको उनके बचपन से ही करनी होगी, और अगर बच्चों की सुबह नियम के साथ होगी, तो वह अपने जीवन के सभी काम नियम से कर पाएंगे। 

तो आशा करते हैं, कि आपकी यह पोस्ट आपको पसंद आई होगी अपनी प्रतिक्रिया हमारे साथ जरूर साझा करिए।।

धन्यवाद

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