बच्चों को नींद से जगाने के सही तरीके (Best method to wake up our child from sleep in hindi)
बच्चों को सुलाना जितना मुश्किल काम है, बच्चों को नींद से जगाना उतनी ही टेढ़ी खीर, और खासकर वह बच्चे जिन्हें स्कूल जाना होता है उन्हें तो उठाना मतलब जैसे कुंभकरण को उठाने के जैसा है।
पास से एक बारात गुज़र जाए, लेकिन बच्चे अपनी आँख नही खोलते, बशर्ते जब तक वो खुद से उठना ना चाहते हो, लेकिन माता पिता का यह task सुबह सूरज निकलने से पहले ही शुरू हो जाता है, अब समस्या यह आती है कि आपके बच्चों को नींद से कैसे जगाया जाए, क्योंकि ना तो स्कूल का वक्त उनके हिसाब से चलेगा, और ना ही सूरज उनके हिसाब से उगेगा।
तो क्यों ना कुछ ऐसा किया जाए, जिससे बच्चे खुद ही खुशी खुशी सुबह नींद से जागे।
दोस्तों छोटे बच्चे मन के मौजी होते हैं, वह अपने मन के हिसाब से सोते और मन के साथ से जागते हैं, लेकिन जब बच्चे 3 – 4 साल के हो जाते हैं तो हमें उनका routine fix करना जरूरी होता है, हमारे बच्चे कब सोते हैं, कब जागते हैं, हमें इस बात का खास ख्याल रखना जरूरी होता है। क्योंकि जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होता है, उसकी दिनचर्या भी वैसी ही होती जाती है, ऐसे में ऐसे कौन से तरीके अपनाए जाएं, जिनसे बच्चे आसानी से रात को सो भी जाए, और सुबह हमारे जगाने पर बिना रोए जाग भी जाए, और बच्चों की नींद भी पूरी हो जाए।
कई बार अधिकतर parents इस समस्या से जूझ रहे होते हैं कि उनका बच्चा वक्त पर नहीं जागता। बच्चों के स्कूल की van निकल जाती है और बच्चे को अगर जबरदस्ती उठाया जाए, तो बच्चा रोता है, चीखता चिल्लाता और गुस्सा करता है,
तो ऐसे में पेरेंट्स की समस्या को ध्यान में रखते हुए आज के आर्टिकल में हम आपके लिए लेकर आए हैं, कुछ ऐसे आसान तरीके जिन्हें अपनाकर आप एक हद तक अपने बच्चों को जल्दी उठाने में सक्षम हो जाएंगे। तो बच्चों को नींद से आसानी से जगाने के सही तरीके जानने के लिए आज का हमारा यह blog पूरा पढ़ियेगा।
1. बच्चों के सोने का समय तय करें
दोस्तों, छोटे बच्चे बहुत छोटे होते हैं, मतलब 1 साल तक के बच्चों को कम से कम 24 घंटे में से 12 घंटे की नींद जरूरी होती है, वही बच्चे जब 3 से 4 साल के हो जाते हैं तब उन्हें कम से कम 10 घंटे की नींद चाहिए ही होती है, अगर आपका बच्चा रात में देर से सोता है तो उसका सुबह उठना लगभग नामुमकिन है। तो आप यह तय कीजिए, कि आपका बच्चा सही समय पर सोए।
उसके लिए आपको भी sacrifice करना होगा। जब तक आप खुद बिस्तर में नहीं जाएंगे, आपका बच्चा वक्त पर कैसे सोएगा? मत भूलिए, कि हमारे बच्चे हमारी ही Xerox होते हैं, हम जैसा करेंगे हमारे बच्चे हमें ही तो follow करेंगे, तो अगर हम अपने टाइम पर सोएंगे तो हमारे बच्चे भी वैसा ही रूटीन अपनाएंगे, और दोस्तों जरूरी है बच्चों अब अपनी नींद पूरी करें, तो बच्चों को नींद से जल्दी जगाने के लिए उनका सोने का समय तय करें।
2. बच्चों को जगाना है फुर्सत का काम
बच्चों को जगाने में जल्दबाजी ना करें, दोस्तों एक माता पिता होने के नाते आप यह तय करें, कि बच्चे को वही इंसान नींद से उठाए, जिसके पास वक्त हो।
जल्दबाजी में अगर आप बच्चे को उठाएंगे, तो आप बच्चों को ऊपर चीखेंगे, चलाएंगे। बच्चों को डांटगे, और कभी-कभी माता-पिता जल्दबाजी में बच्चों के ऊपर हाथ भी उठा देते हैं। यही situation अब आप अपने ऊपर अपना कर देखिए, कि आपको अगर इसी तरह से जगाया जाए, तो आपको कैसा लगेगा? फिर वह तो छोटे और मासूम बच्चे हैं, यकीनन बच्चे चिड़चिड़ाएंगे और रोएंगे,
इसीलिए बच्चों को उठाने का काम बच्चों के पिता को दीजिये या फिर बच्चों के दादा दादी को दीजिए, क्योंकि बच्चों को अगर प्यार से उनके बालों को सहला कर, गोदी में भरकर, बातें करते हुए उठाया जाएगा, तो बच्चे एक हद तक आराम से खिलखिलाते हुए और जल्दी से उठ जाएंगे।
3. बच्चों को बहाने बनाने का मौका ना दें
आप अपना खुद का वक़्त याद कीजिये, कि कैसे homework पूरा ना होने पर आप स्कूल ना जाने के बहाने बनाते थे, स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे अक्सर जब भी अपना होमवर्क पूरा नहीं करते, या स्कूल में उनके सरप्राइज टेस्ट होने वाले होते हैं, और बच्चे उनकी तैयारी नहीं कर पाते तब वह सुबह उठने में आनाकानी करते ही है, तो एक माता पिता होने के नाते आप इस चीज को ensure कीजिए, कि आपका बच्चा अपना स्कूल का होमवर्क, अपने टेस्ट की तैयारी, अपने प्रोजेक्ट वर्क पहले से ही पूरे करके सोए,
क्योंकि अगर बच्चा यह सब कंप्लीट नहीं करता है, तो स्कूल में डांट पड़ने के डर से, नंबर कम आने के डर से, वह स्कूल ना जाने के लिए नींद का बहाना बनाएगा ही बनाएगा, तो ऐसे बहानों से बचने के लिए आप अपनी जिम्मेदारी और पूरी कीजिए, और थोड़ा सतर्क रहिए।
4 . प्राकृतिक तरीके अपनाए
जैसे बच्चों को सुलाने के लिए आप अपने कमरे में अंधेरा कर लेते हैं, सारे पर्दे लगा देते हैं, उसी तरीके से बच्चों को जगाने के लिए सूरज की रोशनी का सहारा लीजिए। अपने कमरे में से परदे हटा दीजिए, बाहर की आवाजों को अपने कमरे में आने दीजिए, बच्चों को जैसी आदत डाली जाएगी बच्चों में वैसी ही आदत आएगी। अगर बच्चे प्राकृतिक तरीके से सो सकते हैं तो जाग भी सकते हैं।
5 .जरूरी है खुशनुमा माहौल
अगर सुबह सुबह कोई आपके ऊपर चीखे चिल्लाए, आपको देर हो रही है देर हो रही है, ऐसबोले। जल्दी उठो वरना तुम लेट हो जाओगे, यह हो जाएगा हो जाएगा, van छूट जायेगी, ऐसी बातें करें तो क्या आप नहीं चिड़चिड़ाएंगे? भला अपनी नींद किसको प्यारी नही होती? आपको भी तो है ना।
फिर वह तो बहुत छोटे-छोटे बच्चे हैं, तो बच्चों को प्यार से उठाने के लिए अपने घर का माहौल खुशनुमा रखिए, ताकि आपका और आपके बच्चों का पूरा दिन भी खुशनुमा बन जाए। क्योंकि दोस्तों सुबह के वक्त हमारा दिल और दिमाग जैसा महसूस करता है, वैसा ही पूरा दिन रहता है। इसलिए जरूरी है, कि सुबह की शुरुआत खुशनुमा हो।
6.बच्चों का मनपसंद नाश्ता बनाएं
अगर आपका बच्चा स्कूल जाने के लिए आनाकानी करता है, और सुबह उठने को तैयार नहीं होता, तो बच्चों के पेट को खुश करने के लिए उनका मनपसंद नाश्ता बना सकती हैं, और बच्चों को यह कहकर उठा सकती है कि जल्दी उठो मैंने तुम्हारे लिए तुम्हारी पसंद का नाश्ता या तुम्हारी पसंद का टिफिन बनाया है। बच्चे वैसे भी अपनी पसंद का खाना बहुत शौक से खाते हैं, तो यह तरीका जरूर काम आने वाला है।
7. अलार्म clock लगाए
सुबह जल्दी जागने के लिए alarm clock लगाएं, लेकिन बिस्तर से थोड़ी दूरी पर। अब अपने बच्चों को ही अलार्म बंद करने को कहें, ऐसे में वो नींद में अलार्म से disturb होगा तो खुद ही अलार्म बंद करने के लिए जागेगा, और ऐसे में वो न तो गुस्सा होगा ना ही रोयेगा।
8. सुबह की शुरुआत, मुस्कान के साथ
दोस्तों बच्चों को सुबह जल्दी उठाने के लिए अगर आप बहुत ज्यादा चिंता में रहते हैं, तो अपना वक्त याद कीजिए क्या आप भी इतनी जल्दी खुद से उठ जाते थे? क्या आप अपने माता-पिता को परेशान नहीं करते थे? क्या अगर आज के वक्त में भी आपके पास सुबह से तो दो list ना हो तो क्या आप भी जल्दी उठना पसंद करेंगे? शायद नहीं…!
तो आप बच्चों से ऐसी उम्मीद कैसे कर सकते हैं? तो छोटे बच्चों को बच्चों की तरह से ही deal कीजिए, वह अभी गीली मिट्टी है, उन्हें पकने में वक्त लगेगा और वह वक्त माता-पिता के सिवा बच्चों को कोई और नहीं दे सकता। तो बच्चों की सुबह की शुरुआत एक प्यारी सी मुस्कान के साथ कीजिए, ताकि बच्चा भी आपके साथ मुस्कुराए और आपका और बच्चों का पूरा दिन वैसा ही खुशनुमा हो जाए।
निष्कर्ष
तो आज के आर्टिकल में हमने आपको बताया कि बच्चों को कैसे सुबह जल्दी उठाया जा सकता है। हमें उम्मीद है कि आज के आर्टिकल की जानकारी आपके लिए फायदेमंद साबित होगी तो आपको अगर हमारा आर्टिकल पसंद आया हो तो हमें कमेंट करके बताइए और आप हमारा आर्टिकल अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ शेयर भी कर सकते हैं।।
धन्यवाद
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Balmukund loves his children and is the father of two lovely teenagers, aged 15 and 13. In this blog, he provides parenting advice. He hopes that his parenting tips will assist other parents in preparing their children for a bright future.